@@@@@बन्दिशें@@@@@
कैसे समझाऊं तुझको तूं समझ नहीं पाती हैं,
बार बार गलती वही अपनी गलती दोहराती हैं,
कहा ना करो मिसकॉल, फिर भी तूं फसाती हैं
अनजान नम्बर पर मम्मी अब शक लगाती हैं!
कैसे समझाऊं...
यही नहीं रूकती उन्होने तरकीब निकाली हैं,
ट्रयूकॉलर पर नम्बर को अब सर्च लगाती हैं,
देखकर तेरा नाम वो फिर गुस्से हो जाती हैं,
ब्लाक लिस्ट में डालने को नम्बर कह जाती हैं!
कैसे समझाऊं.....
इंस्टग्राम और फेसबुक फ्रेण्ड निकालती हैं,
एक एक लड़की की वो परिचय भी मांगती हैं,
अंजान हो कोई तो उसे अनफ्रेण्ड करवा देती हैं,
रात को जगनें में भी अब तो बन्दिशें लगाती हैं!
कैसे समझाऊं......
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