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क्यूं ना जाति काॅलम हटा दिया जाये!

  आरक्षण नाम तो सबने सुना ही होगा एक शब्द छोटा सा है। जो कि दलितों को आगे बढ़ाने में बहुत ही सहायक हैं। आरक्षण किसी का भी पुश्तैनी हक नही है और ना ही विरासत है!     अब सवाल ये उठता है कि आरक्षण का क्या सदुपयोग हो रहा है। इसको लागूं करने की नीति क्या है?     आरक्षण को बाबा साहब ने दलितों और पिछड़ी जाति के लोगों के लिये लागूं किया था जिससे कि उनका शोषण बन्द हो और वो आगे बढ़ सके!     क्या अब आरक्षण की आवश्कता है? मेरे ख्याल से तो नहीं,आज आप सबने दलितों को ये कहते सुना होगा हम किसी से कम नही है और हमें किसी के एहसान की जरूरत नहीं है हमें अपना हक चाहिए! उनसे कोई ये पूंछे आरक्षण आपका हक कैसे हो गया? ये तो दस वर्षो के लिये था आज कितने वर्ष हो गये है?      आरक्षण के कारण ही आज योग्य लोग पीछे होते जा रहे है! अगर बात करें नौकरियों की तो वहां तय रहता है कि कितनी सीटे पिछडी और दलितों के लिये है । देखा जाये तो जब दलित लोग साथ बैठकर सबके पढाई करते है तो बराबर ही तो पढ़ रहे है कहाँ हो रहा है शोषण? वो ही बताये?      क्या आरक्षण से सबका भला हो रहा है हर विभाग में, अगर प्रोफेसर के लिये अर्हत