मन्दिर
मन्दिरों में अब रोज जाने लगे हैं भगवान में विश्वास जताने लगे हैं! मिल पाओं अगर तुम मस्जिद में इसलिये अजान सीखकर आने लगे हैं! सुना है गुरद्वारे में मत्था टीकती हो तुम इसलिये गुरूग्रंथसाहिब उठाने लगे हैं! करती हो प्रार्थना तुम चर्च में सन्डे को हम भी इसीलिये कैन्डिल जलाने लगे हैं! अपना बनाओगी ललित को कभी तुम इस आस में पूछा सबसे छुड़ाने लगे हैं! ललित 7754019301