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आसमां की बात

प्यार से लोग नही अब बात करते है, किसी के पीछे नही वक्त बर्बाद करते है! अक्सर पड़ जाता है काम एक दूजे से, मगर क्यूं नही इसकी परवाह करते हैं! ख्याल आया अचानक हमकों उनका क्या वो भी हमको किया याद करते हैं? मालूम नहीं क्या सोचते है वो मुझको, हम आज भी उनका एहतराम करते हैं! कश्ती डूब रही है अब हमारी भँवर में, देखते है क्या रब इसे पार करते हैं? "ललित" तुझ जैसे तो है हजारों जमीं पर, मगर सब कहा आसमां की बात करते हैं!