बाकी हैं
शौक खत्म हो गये सिर्फ इच्छाएं बाकी हैं,
जाने अभी और कितनी परीक्षायें बाकी हैं!
पंख तो काट दिये हैं जमाने वालों ने सब
अब तो पैदल ही मंजिल का यात्रायें बाकी हैं!
कजा से पश-तर कुछ करके जाऊं मै यहां
इसलियें श्रंगार के साथ अपनायी विधायें बाकी हैं!
अभी अभी तो मिली हैं वो हमकों यहां पर
वरना अभी तक तो मिली अन्य बालायें बाकी हैं!
ललित मरनें लगा हैं ये सारा जमाना मुझपर
वरना चांद की तो देखनी बहुत कलायें बाकी हैं!
ललित
7754019301
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